5 Essential Elements For Shodashi
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The working day is observed with good reverence, as followers stop by temples, present prayers, and engage in communal worship occasions like darshans and jagratas.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
The devotion to Goddess Shodashi is often a harmonious mixture of the pursuit of attractiveness and The search for enlightenment.
The Mahavidya Shodashi Mantra is usually a robust Software for those in search of harmony in particular interactions, Resourceful inspiration, and guidance in spiritual pursuits. Frequent chanting fosters psychological therapeutic, boosts instinct, and helps devotees access greater wisdom.
She is a component from the Tridevi along with the Mahavidyas, symbolizing a spectrum of divine femininity and linked to both of those moderate and fierce factors.
If your Shodashi Mantra is chanted with a clear conscience and also a determined intention, it may make any want appear legitimate for you personally.
The iconography serves as being a focus for meditation and worship, enabling devotees to attach Using the divine Vitality of the Goddess.
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
Often known as the goddess of knowledge, Shodashi guides her devotees toward clarity, Perception, here and better awareness. Chanting her mantra boosts intuition, aiding people make wise conclusions and align with their interior reality. This advantage nurtures a life of integrity and intent.
Her job transcends the mere granting of worldly pleasures and extends to the purification from the soul, leading to spiritual enlightenment.
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।